कविताएं

मेरी पतंग
हवा में लहराए मेरी पतंग
कभी हाथ न आए मेरी पतंग
डोर के साथ आकाश में झूमें
मचल मचल के नभ को चूमे
सबसे पेंच लड़ाए मेरी पतंग
हवा में लहराए मेरी पतंग