Toggle navigation
Menu
हिंदी की बिंदी
समाचार
मुस्कराइए
इतिहास के रोचक तथ्य
कहानियां
कविताएं
चलचित्र
🡡⇧
कविताएं
दरजी
दरजी जी दरवाजा खोलो।
कपड़ा लाई सूट बना लो,
यह माषीन तो चलती रहती,
काज बनाती कपड़े सिलती।।
Previous
Next